यमुना बचाओ आंदोलन जंतर-मंतर पर आज होगी किसानों की महापंचायत
नई दिल्ली (एसएनबी)। यमुना बचाओ आंदोलन के तहत यमुना में पर्याप्त पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसानों और संतों ने आर-पार की लड़ाई की घोषणा की है। मई दिवस के मौके पर भारतीय किसान यूनियन (भानू) जंतर-मंतर पर महापंचायत करने जा रही है। यूनियन ने उम्मीद जताई है कि महापंचायत में बड़ी संख्या में देश भर के किसान पहुंचेंगे। किसानों और संतों का कहना है कि यदि 6 मई को संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में समस्या का हल नहीं निकाला गया तो वे आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाएंगे। शनिवार को एक बार फिर संतों और किसानों ने ओखला बैराज जाकर यमुना के जलस्तर का जायजा लिया। यमुना नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित करने, इसे प्रदूषण से बचाने और यमुना बेसिन प्राधिकरण के गठन और ताजेवाला से पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर किसानों और संतों के अनिश्चितकालीन धरने के पंद्रहवें दिन शनिवार को यमुना बचाओ आंदोलन के एक बार फिर ओखला बैराज का दौरा किया। यमुना के गिरते जलस्तर और बढ़ते प्रदूषण पर संतों और किसानों ने चिंता जताई। भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। लिहाजा यूनियन रविवार को लखनऊ के बजाए दिल्ली में महापंचायत कर रही है। देश भर के किसानों को समस्या से अवगत कराया जाएगा और आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लंबी पद यात्रा करके हम दिल्ली पहुंचे, प्रंद्रह दिन से लगातार धरना जारी है। लेकिन सरकार अपने रवैये पर अड़ी है। यूनियन के महासचिव राजेंद्र प्रसाद शास्त्री ने कहा कि एक जायज मांग के लिए लगातार धरना करने और सरकार द्वारा सकारात्मक कदम न उठाने से किसान आहत हैं। किसान अब और इंतजार करने को तैयार नहीं हैं। भारतीय ब्रज रक्षिणी हरिनाम प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय संरक्षक संत जयकृष्ण दास बरसाना ने कहा कि महापंचायत में आगे की रणनीति पर भी विचार होगा। किसानों और संतों की मांग धर्म विशेष या क्षेत्र विशेष के लिए नहीं बल्कि समस्त प्राणियों के लिए है। यमुना को जहरीला बना दिया गया है जो भारतीय संस्कृति का अपमान है।
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