Monday, May 9, 2011

मटियाला में पीलिया का कहर, एक की मौत (Dainik Jagran/Delhi-07 May 2011)

नीरज वर्मा, पश्चिमी दिल्ली

मटियाला गांव में इन दिनों पीलिया का कहर है। गांव में दर्जनों लोग इस बीमारी से पीडि़त हैं। शुक्रवार सुबह एक किशोर की इस बीमारी के चलते मौत हो गई। स्थानीय लोगों के अनुसार दूषित जलापूर्ति के कारण यहां पीलिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इसके बावजूद जल बोर्ड व नगर निगम के अधिकारी बेसुध हैं। गांव में हैदरपुर प्लांट से पानी आता है। जल बोर्ड या नगर निगम के किसी भी विभाग ने यहां पानी जांच नहीं करवाई है। इसके अलावा साफ सफाई भी नहीं की गई है। लोगों की शिकायत है कि मटियाला गांव में एक साल से सीवर मिला पानी आ रहा है। हालांकि ग्रामीण जल बोर्ड अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय नेताओं को इस मामले से अवगत करा चुके हैं, लेकिन स्थिति ज्यों की त्यों है। मकान संख्या 62 में रहने वाले रघुवीर सिंह ने बताया कि गंदा पानी पीने से उनका 15 वर्षीय बेटा दिनेश कई महीनों से पीलिया से ग्रस्त था। उसका रावतुलाराम अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। इसके अलावा गांव में कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। मकान संख्या 21 निवासी महावीर सोलंकी के परिवार में एक एक कर सभी को पीलिया हो गया है। मकान संख्या-12 में रहने वाले सुल्तान सिंह ने कहा कि परिवार में छह लोग पीलिया से ग्रसित हैं। आर्थिक तंगी के कारण आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। दूषित पेयजल के कारण कई घरों में लोग बीमार पड़े हैं। यदि यही हाल रहा तो महामारी की स्थिति हो जाएगी। बारह दिनों से अस्पताल में भर्ती : निजी अस्पताल में भर्ती प्रकाशवीर सोलंकी (मकान संख्या-45) ने बताया कि दूषित जलापूर्ति के चलते उसे पीलिया हो गया है। पहले उसे आईसीयू में रखा गया था। अब अस्पताल में भर्ती हुए 15 दिन हो गए हैं। शकुंतला ने बताया कि उसे तीन माह से पीलिया है और उसका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है। मजबूरी में बाजार से पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है। 13 वर्षीय अंकित ने बताया कि दूषित जलापूर्ति के सेवन से वह डेढ़ माह से पीलिया से ग्रसित है। उसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। उसके कई साथी भी इस बीमार की चपेट में हैं। क्या कहती हैं जल बोर्ड प्रवक्ता : इस बाबत जल बोर्ड प्रवक्ता संजम चीमा ने बताया कि मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। क्या कहते हैं विधायक : इस बाबत विधायक सुमेश शौकीन ने बताया कि यह मामला जल बोर्ड से जुड़ा हुआ है। जल बोर्ड के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है। वहीं निगम जोनल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने इस मामले से अनभिज्ञता जाहिर की।

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