Saturday, May 21, 2011

नदियों के किनारे कंस्ट्रक्शन पर लगेगी रोक (Nav Bharat Times/Noida- 20 May 2011)

विनोद शर्मा ॥ नोएडा

हिंडन और यमुना समेत देश की सभी नदियों के किनारे बांध क्षेत्र की सीमा के अंदर चल रहे निर्माण कार्यों पर गाज गिर सकती है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने गैरसरकारी संगठनों की मांग पर रिवर रेग्युलेशन जोन का ड्राफ्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय एक कमिटी गठित की गई है। पर्यावरण मंत्रालय के विशेष सचिव जे. एम. मॉस्कर इस कमिटी के चेयरमैन बनाए गए हैं। इस कमिटी में पर्यावरण के विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और प्रफेसर और एडवोकेट को भी शामिल किया गया है। इस जोन के बन जाने के बाद नदी के रिवर फ्लड प्लेन एरिया को सेफ रखा जा सकेगा। तब नदियों के किनारे बेशकीमती जमीनों के आस-पास प्लान बनाते समय अप्रूवल लेना होगा, इसमें पब्लिक ऑब्जेक्शन भी होगा।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इस कमिटी को लेकर पब्लिक की तरफ से काफी दिनों से डिमांड चल रही थी। हालांकि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में सबसे पहले रिवर रेग्युलेशन जोन बनाने की डिमांड 23-24 नवंबर 2001 में दिल्ली में हुई एक वर्कशॉप के दौरान उठी थी। इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया। 12 मार्च को जब जापान में भूकंप आया तो यमुना जियो अभियान के कन्वेनर मनोज मिश्रा ने भी प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को लेटर लिखकर भारी जनतबाही से बचाने के लिए रिवर रेग्युलेशन जोन बनाने की डिमांड की थी। यमुना जियो अभियान ने अपने लेटर में कहा था कि पूर्वी दिल्ली और नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में इन दिनों डूब क्षेत्र में बहुमंजिला बिल्डिंगें बनाई जा रही हैं। इनमें 60 मंजिला बिल्डिंग का भी जिक्र किया गया था। एनजीओ ने कहा था कि जब यह एरिया भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं, तब इतनी ऊंची बिल्डिंगों की इजाजत डूब क्षेत्र में देना लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होगा। इस लेटर के बाद दिल्ली में यमुना बचाओ आंदोलन की तरफ से जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया गया। 13 अप्रैल को सेव यमुना मूवमेंट की तरफ से भी यमुना को बचाने के लिए जो डिमांड लेटर दिया गया, इसमें रिवर रेग्युलेशन जोन का ड्राफ्ट जल्द से जल्द बनाने की मांग की गई थी। 11 मई को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश के निर्देश पर रिवर रेग्युलेशन जोन एक्ट का ड्राफ्ट बनाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।

इस नोटिफिकेशन में चेयरमैन जे . एम . मॉस्कर के अलावा अडिशनल सेक्रेटरी मीरा महर्षि , एडवाइजर डॉ . नलिनी भट्ट , महाराष्ट्र सरकार में सेक्रेटरीपर्यावरण मंत्रालय श्रीमति वाल्सा . आर . नायर सिंह , तमिलनाडु से श्रीलयम अंबू , केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व वैज्ञानिक आर . सी . त्रिवेदी , जेएनयू केरिटायर्ड प्रफेसर ब्रिज गोपाल , आईआईटी रुड़की के इंजीनियर डॉ . जी . जे . चक्रवर्ती , लीगल एडवाइजर मोहम्मद खान और डॉ . ए . सेंटिलवेल को शामिलकिया गया ह ै।

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