
दोनों राज्यों के खनन अधिकारियों में हो गया था टकराव, यूपी के खनन अधिकारी ने यमुनानगर के तीन अफसरों पर दर्ज करवाया था केस।
प्रदेश में बजरी, रेत व कोरसेंट की आ सकती है किल्लत
खिजराबाद. यूपी की सीमा पर तैनात पुलिस के जवान।
जवाबी कार्रवाई : यूपी को जाने वाले रास्ते सील
दोनों ओर लगाए टेंट, पुलिस तैनात
खनन को लेकर यूपी और हरियाणा आमने सामने हैं। तनावपूर्ण शांति में काम चल रहा था। लेकिन जब से यूपी में यमुनानगर के सिंचाई विभाग के एक्सइएन व अन्य अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, तनाव सीमा पर आ गया है। अब हालात यह है कि दोनों ओर टेंट लग गए हैं। इसमें बंदूकधारी पुलिसकर्मी तैनात है।
भास्कर न्यूज & यमुनानगर
यूपी की ओर जाने वाले रास्ते बंद होने से खनन जोन शांत हो गया है। इसके साथ ही सीमा के साथ लगते क्रशर भी अब बंद होना शुरू हो गए हैं। दूसरी ओर प्रदेश में बजरी, रेत व कोरसेंट की किल्लत भी आ सकती है। इसका प्रभाव निर्माण पर पड़ सकता है।
आ सकती है बजरी व रेत की किल्लत: हरियाणा में 28 फरवरी 2009 से खनन बंद है। जब खनन नहीं खुला तो यमुनानगर के खनन जोन के क्रशर भी यूपी की ओर शिफ्ट कर गए। अब रास्ता बंद होने से उनके लिए भी दिक्कत पैदा हो गई है। क्रशर संचालक राजुल, इरशाद, अतेंद्र, मिलन, संजय वालिया, सनोवर खान ,रमजान अली आदि ने बताया कि क्रशर संचालकों के लिए यह सबसे बुरा समय है। उनके लिए तो भूखा मरने की नौबत आ सकती हैं। इनका कहना है कि करोड़ों रुपए की लागत से क्रशर स्थापित किया था।
भास्कर न्यूज & खिजराबाद
हरियाणा सिंचाई विभाग द्वारा यूपी प्रशासन के विरुद्ध जबावी कार्रवाई करते हुए विभाग की जमीन से होकर यूपी जाने वाले रास्ते को बंद कर बुॢजयां खड़ी कर दी गई हैं। अब यमुनानदी से जुड़े सभी रास्ते सील कर दिए गए हैं। हथनीकुंड से अब केवल छोटे वाहन ही उत्तर प्रदेश से आ-जा रहे हैं। जगाधरी-पांवटा नेशनल हाइवे पर ताजेवाला चैक पोस्ट के निकट से हथनीकुंड बैराज को जाने वाले कच्चे रास्ते पर सिंचाई व कलेसर वन विभाग द्वारा खाई खोद कर पक्की बुॢजया लगा दीं। एक किलोमीटर लंबा कच्चा रास्ता वन एवं सिंचाई विभाग की जमीन से होकर यूपी राज्य को जोड़ता है।
रास्ता बंद किए जाने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी। छछरौली तहसील के नायब तहसीलदार रणधीर सिंह ने बताया कि उक्त रास्ते का राजस्व रिकार्ड में कहीं कोई हवाला नहीं दिया गया है। हथनीकुंड रास्ते के बंद हो जाने से यूपी स्टोन क्रशर जोन में तैयार माल के अंबार लग गए हैं। भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाए जाने से खनन रायल्टी ठेकेदार को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कलेसर फारेस्ट रेंज के वन दरोगा रमेश सैनी ने बताया कि वन विभाग की जमीन से वाहनों के आने जाने पर रोक लगा दी गई है। हाइवे के निकट खाई खोद कर बुॢजयां बनाई गई हैं।
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