Saturday, April 30, 2011

खनन से पूर्व पर्यावरण विभाग की अनुमति जरूरी : कोर्ट (Rashtriya Sahara- 30 April 2011)

लखनऊ (एसएनबी)। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में की जा रही बालू-मौरंग खनन मामले में कहा है कि आगामी एक जुलाई से पर्यावरण विभाग से बिना अनुमति लिए खनन कार्य नहीं किया जाए। पीठ ने खनन करने वाले पट्टेदारों को 30 जून तक छूट देते हुए कहा है कि वे इस दौरान पर्यावरण विभाग से अनुमति ले सकते हैं। मुख्य न्यायाधीश एफआई रिवेलो व न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह की खण्डपीठ ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि वह केन्द्र सरकार के उस शासनादेश का कड़ाई से पालन कराए जिसमें पर्यावरण विभाग की अनुमति खनन लाइसेंस के समय आवश्यक बतायी गयी है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार पट्टेदारों को खनन का लाइसेंस तभी जारी करे जब पर्यावरण विभाग से अनुमति का प्रमाण पत्र पट्टेदार के पास हो। याचिका प्रस्तुत कर याची मो. कौशरजाह का कहना था कि पर्यावरण अनुमति के बिना पूरे प्रदेश में बालू-मौरंग का खनन किया जा रहा है तथा राज्य सरकार इन्हें अनुमति व लाइसेंस भी जारी कर रही है। याचिका में याची ने सहारनपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि इस जिले में सरकार से खनन का लाइसेंस लेकर पद्टेदार अवैध खनन कर रहे हैं। पीठ ने आदेश में यह भी कहा कि राज्य सरकार पट्टा देने का लाइसेंस जारी करते समय यह सुनिश्चित करें कि पर्यावरण विभाग द्वारा पट्टेदार के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र है अथवा नहीं।

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