Wednesday, April 27, 2011
यमुना को देख छलके आंसू (Dainik Bhaskar- 28 April 2011)
खिजराबाद (यमुनानगर).
यमनोत्री से वृंदावन तक सीधे यमुना का पानी मांग रहा यमुना बचाओ आंदोलन का दल बुधवार को यमुनानगर में हथनी कुंड बैराज तक पहुंच गया। इलाहाबाद से तीन मार्च को चले दल के लोग जब यहां पहुंचे तो यमुना नदी की हालत देखकर उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।
यमुना बचाओ आंदोलन के सदस्यों ने बताया कि जो पानी हमें वृंदावन में मिल रहा है, वह यमुना का नहीं है। उसे तो हथनी कुंड में कैद कर लिया। हमें तो दिल्ली के सीवर का पानी दिया जा रहा है। और, हम हैं कि इसे ही यमुना जल समझ कर पूजा रहे हैं। अब यह अन्याय नहीं सहेंगे। यमुना का पानी लेकर रहेंगे।
रेगिस्तान में बदल रही नदी
दल के नेतृत्व कर रहे मान मंदिर सेवा संस्थान के जयकृष्ण दास और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने बताया कि यमुना के साथ अन्याय अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। शिष्टमंडल में आए रवि मोंगा ने कहा कि पहाड़ से मैदान में आते ही नदी की यह हालत है।
नारायण दास व राजेंद्र प्रसाद शास्त्री ने कहा कि यमुना नदी का पानी सरकारों ने अपने आप ही बांट लिया है। जबकि यमुना नदी तो पूरे भारत की है। इस पर सभी का हक है। नदी से लोगों की धार्मिक आस्था जुड़ी है। होना तो यह चाहिए कि नदी को बचाने की कोशिश होनी चाहिए। हो रहा है इसके उलट। इस वजह से यमुना नदी सूख कर रेगिस्तान हो गई है। जहां पत्थर व रेत के सिवाय कुछ भी नजर नहीं आ रहा है।
आंदोलन
यह यात्रा तीन मार्च को इलाहाबाद से चली है। 14 अप्रैल को दिल्ली पहुंची। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, मंत्री जयराम रमेश से मिले। वहां उन्हें आश्वासन दिया गया कि यमुना नदी में यमनोत्री का पानी वृंदावन तक दिया जाएगा।
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