Thursday, April 14, 2011

यमुना के किनारे, फिर भी प्यासे (Dainik Jagran 14 April 2011)

नई दिल्ली राजधानी के उत्तर पूर्वी जिले की दो दर्जन से अधिक कॉलोनियों में पेयजल का गंभीर संकट है। मई और जून में यहां हाहाकार की स्थिति हो जाती है। यहां अभी तक पानी की पाइपलाइन ही नहीं बिछी है। लिहाजा, ये इलाके पूर्णत: जल बोर्ड के टैंकरों पर निर्भर हैं। इलाके इतने बड़े हैं कि टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति भी बमुश्किल ही हो पाती है। ज्यादातर इलाके यमुना नदी के तट से जुड़े भी हैं, इसके बावजूद वहां पानी का अकाल है। एक बार जहां टैंकर गया, वहां दोबारा तीसरे दिन ही नंबर लगता है। यही कारण है कि पानी की एक-एक बूंद सहेज कर रखी जाती है। जिन लोगों को पानी मिल गया, उनके तो तीन दिन अच्छे गुजर जाते हैं, लेकिन जिन्हें पानी नहीं मिलता उन्हें भूजल से प्यास बुझानी पड़ती है। पेयजल संकट से जूझ रहे इन इलाकों में ज्यादातर क्षेत्र अनधिकृत कॉलोनियों की श्रेणी में आते हैं, यही कारण है कि जल बोर्ड यहां पानी का पाइपलाइन नेटवर्क नहीं बिछा पाया है। वैसे तो लगभग सभी घरों में लोगों ने दैनिक कार्य में पानी के इस्तेमाल के लिए सबमर्सिबल पंप लगवा रखे हैं लेकिन वह पानी पीने योग्य नहीं होता। इस उत्तर पूर्वी जिले में ही दिल्ली जल बोर्ड के दो बड़े जल संयंत्र (सोनिया विहार-140 एमजीडी एवं भागीरथी-110 एमजीडी) स्थापित हैं, इसके बावजूद लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते हैं। सोनिया विहार जल संयंत्र का पूरा पानी दक्षिणी दिल्ली में आपूर्ति के लिए जाता है, जबकि भागीरथी जल संयंत्र का पानी समूचे पूर्वी दिल्ली को दिया जाता है। थोड़ी बहुत समस्या तो पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार फेज-3, घोंडा कॉलोनी, कोंडली, विनोद नगर, मंडावली आदि इलाकों में भी है, लेकिन यहां पाइप लाइन बिछी है। टैंकरों पर निर्भर उत्तर पूर्वी जिले के अधिकांश हिस्से जहां जल बोर्ड की पाइपलाइन नहीं बिछी है, वे पूरी तरह से टैंकरों पर निर्भर हैं। इनमें सोनिया विहार, चौहान पट्टी, चौहान पट्टी विस्तार, बदरपुर खादर गांव, भगत सिंह कॉलोनी, मुकंद विहार, अंकुर एन्कलेव, प्रकाश विहार, शिव विहार, न्यू सभापुर गुजरान, सभापुर गांव, सभापुर विस्तार, अंबे कॉलोनी/एन्कलेव, मिलन गार्डन, सोनिया विहार, हर्ष विहार, प्रताप नगर, महालक्ष्मी एन्कलेव, भगत विहार, शहीद भगत सिंह कॉलोनी, बिहारीपुर, तुकमीरपुर, चंद्रपुरी, चांदबाग आदि हैं। पानी की कोई स्कीम नहीं : विधायक उत्तर पूर्वी जिले में पड़ते करावल नगर के विधायक मोहन सिंह बिष्ट की मानें तो इस क्षेत्र में पेयजल बड़ी समस्या है। ऐसा कहें कि सरकार ने क्षेत्र के लिए कोई कारगर पानी की योजना नहीं दी, जिसके चलते समस्या गंभीर रूप ले चुकी है। अभी तो काम चल जा रहा है, लेकिन जैसे ही गर्मी बढ़ेगी, समस्या विकराल हो जाएगी। विधानसभा में भी पानी का मुद्दा उठाया जा चुका है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। फैलाया जा रहा है नेटवर्क जल बोर्ड के सदस्य (जल एवं आपूर्ति) आरके गर्ग के मुताबिक पुरानी हो चुकी लगभग सभी अनधिकृत कॉलोनियों में पाइपलाइन का नेटवर्क फैलाया जा रहा है। इसकी शुरुआत हो चुकी है, बहुत जल्द सभी जगह लाइन पहुंच जाएगी।

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