Tuesday, April 26, 2011

यमुना की स्थिति पर बयान माँगा (Dainik Jagran- 23 April 2011)

नई दिल्ली, जासं :

यमुना बचाओ आंदोलन के तहत जंतर-मंतर पर बैठे संतों व किसानों ने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से यमुना की स्थिति पर बयान जारी करने की मांग की है। संतों का कहना है कि सरकार अच्छी तरह जानती है कि हरियाणा के हथिनी कुंड के बाद से यमुना में यमुनोत्री का पानी न होकर सीवर का पानी होता है। विभिन्न शोध रिपोर्टो का हवाला देते हुए संतों ने बताया कि यह पानी अत्यंत प्रदूषित है और इससे आचमन मात्र से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। संतों ने इस बाबत राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है और नदी के किनारे साइन बोर्ड लगाकर इस बाबत चेतावनी जारी करने की मांग की है। यमुना बचाओ आंदोलन के तहत 14 अप्रैल से धरने पर बैठे संतों और किसानों ने अनशन समाप्त होने के दूसरे दिन शुक्रवार को एक पदयात्रा निकाली और जल्द यमुना में पानी छोड़ने की मांग की। इसमें राजनैतिक दलों के कार्यकर्ता व बड़ी संख्या में दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय व जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र शामिल हुए। संयोजन कर रहे मान मंदिर के स्वामी जयकृष्ण दास ने बताया कि जब तक यमुना में आवश्यक मात्रा में पानी छोड़ने का क्रम शुरू नहीं होता और मथुरा तक पानी पहुंच नहीं जाता, धरना व पदयात्रा जारी रहेंगे।

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