
स्वच्छ यमुना के लिए साधु संतों का आमरण अनशन रंग लाया, सरकार ने गठित की आठ सदस्यीय समिति ताजेवाला व वजीराबाद बैराज से क्रमश 4.5 क्यूसेक और 4 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा यमुना में न्यूनतम पानी के प्रवाह पर निगाह रखेगी कमेटी
नई दिल्ली (एसएनबी)। यमुना नदी की सफाई और उसमें पर्याप्त पानी छोड़ने की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से जंतर-मंतर पर बैठे देश भर से आए साधु-संतों व किसानों का अनशन आखिरकार रंग लाया। सरकार यमुना में हथिनीकुंड (ताजेवाला) बैराज व वजीराबाद बैराज से क्रमश 4.5 क्यूसेक और 4 क्यूसेक पानी छोड़ने पर राजी हो गई है। साथ ही यमुना में न्यूनतम पानी का प्रवाह लगातार बना रहे इसके लिए एक आठ सस्यीय समिति गठित की गई है। जिसमें सरकार के पांच प्रतिनिधियों के साथ यमुना बचाओ आंदोलन के तीन सदस्य शामिल होंगे। इसका फैसला केंद्र सरकार के जल मामलों के मंत्रिसमूह की बैठक में गुरुवार को लिया गया। जिसका सकरुलर जल संसाधन मंत्रालय की ओर से बृहस्पतिवार को जारी किया गया। इसी के साथ सात दिनों से चला आ रहा साधु संतों व किसानों का आमरण अनशन खत्म हो गया। लेकिन इन लोगों ने अपना धरना तब तक जारी रखने का ऐलान किया है जबतक कि यमुना में दिल्ली से आगे वृदांवन-मथुरा तक जल का प्रवाह होता न दिखाई दे। गुरुवार को केंदीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम की अध्यक्षता में मंत्रिसमूह की बैठक में यमुना में जल धारा छोड़ने और उस पर निगरानी रखने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला लिया गया। इस समिति में केंद्रीय जल आयोग के सीनियर चीफ इंजीनियर, हरियाणा व दिल्ली सरकार के एक-एक प्रतिनिधि, पर्यावरण व वन मंत्रालय व योजना आयोग के एक-एक प्रतिनिधि के अलावा यमुना बचाओ आंदोलन के भी तीन प्रतिनिधि होंगे। इस फैसले के सकरुलर की प्रति लेकर शाम साढ़े पांच बजे केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन अनशनकारियों के पास जंतर-मंतर पहुंचे और अनशनकारियों को जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया। आंदोलन के संरक्षक जयकृष्ण ने कहा कि अभी केवल अनशन तोड़ा गया है, जब तक यमुना में स्वच्छ जल का प्रवाह होना शुरू नहीं हो जाता है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। किसान नेता भानुप्रताप सिंह ने कहा कि उन्हें जब मथुरा से फोन आ जाएगा कि यमुना में पानी आ गया, तभी दिल्ली से कूच करेंगे। एक एनआरआई आंदोलनकारी राधाजीवन पार ने कहा कि सरकार को सिगरेट व शराब की तरह यमुना के घाटों पर भी चेतावनी के र्बड लगाने चाहिए कि इसमें स्नान करना व आचमन करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक है। उन पर वास्तविक हालत बताई जाए कि यमुना में यमुनोत्री का नहीं बल्कि हरियाणा, दिल्ली आदि का मल-मूत्र व औद्योगिक कचरा आ रहा है।
No comments:
Post a Comment