नई दिल्ली (एसएनबी)।
यमुना बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को संबंधित सरकारी अधिकारियों के साथ ताजेवाला (हथिनीकुंड) बैराज जाकर वहां का जायजा लिया। संत व किसानों के प्रतिनिधि ताजेवाला जाकर काफी निराश हुए। उनका कहना है कि सरकार केवल हरियाणा को खुश कर रही है। ताजेवाला से बहुत कम मात्रा में पानी दिल्ली के लिए छोड़ा जा रहा है और सरकार केवल आंकड़ों की जादूगरी दिखा रही है। उन्होंने कहा कि ताजेवाला पर तो दिल्ली के लिए 160 क्यूसेक पानी छोड़ने की बात कही गई थी जिसे सुबह ही छोड़ा गया। आंदोलनकारियों की मांग है कि यमुना में निर्मल जल प्रवाहित होता दिखना भी चाहिए। जब पानी दिल्ली ही नहीं आएगा तो बृज और इलाहबाद में यमुना का पानी कैसे पहुंचेगा। बहर हाल किसानों ने 1 मई को जंतर मंतर पर महापंचायत करने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन (भानू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि ताजेवाला की स्थिति बेहद निराशाजनक है। जो पानी यमुना में छोड़ा गया है वह मुश्किल से 10 किलोमीटर के भीतर खत्म हो जाएगा। अब हमारे पास केवल महापंचायत कर सरकार से अपनी मांग मनवाने के सिवा कोई रास्ता नहीं है। यूनियन के महासचिव राजेंद्र प्रसद शास्त्री ने कहा कि दिल्ली के लिए 10 फीसद भी जल नहीं छोड़ा जा रहा। आंदोलन जारी रहेगा और उम्मीद है कि यमुनोत्री का जल इलाहबाद तक पहुंचेगा। भारतीय ब्रज रक्षिणी हरिनाम प्रचारिणी सभा के राष्ट्रीय संरक्षक संत जयकृष्ण दास बरसाना ने कहा कि सरकारी वादों में दम नहीं है।
यमुना बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधियों ने ताजेवाला बैराज का किया दौरा कहा, यमुना में छोड़ा गया पानी 10 किलोमीटर के भीतर हो जाएगा खत्म किसानों ने एक मई को जंतर-मंतर पर की महापंचायत करने की घोषणा
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