बागपत। हिंडन और काली नदी के साथ यमुना नदी भी अस्तित्व खोने की कगार पर पहुंच गई है। रेत माफिया यमुना का 'चीरहरण' कर रहा है तो आम आदमी इसकी कोख से मुनाफा कमाने के प्रयास में है। युमना कल भी पतित पावनी थी और आज भी उसका यह स्वभाव नहीं बदला है लेकिन उस इंसान का क्या करें जो सब कुछ जानते हुए भी इस पर अपने स्वार्थ की 'समिधा' चढ़ाने पर आमादा है।
हाल इतना खराब है कि दूसरों का उद्धार करने वाली युमना आज खुद अपने उद्धार के लिये बल खाती दिख रही है। विकास की योजनाएं सिर्फ फाइलों तक ही सिमटकर रह गयी हैं। न अफसरों को इसकी फिक्र है न शहर बासियों को इसका कोई मलाल।
ऐसा है हाल
सहारनपुर से होते हुए यमुना नदी बागपत जनपद की 50 किमी. सीमा के समानांतर बह रही है। टांडा गांव से लेकर सुभानपुर गांव तक यह नदी जिले में प्रवाहित होती है। वर्तमान में यमुना भी हिंडन और काली नदी की तरह दुर्दशा का शिकार हो रही है। बागपत तो बिल्कुल युमना की गोद में बैठा है। शहर पार करते ही इसकी अविरल धार दिखाई देने लगती है।
मात्र तीन माह का कल-कल
साल में मात्र 3 से 5 माह तक यमुना में पानी की निर्मल-अविरल धार बहती है और उसके बाद यह सूखी रहती है। सफाई के नाम पर कभी कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जाता।
माफिया की मनमानी
हालात तो पहले ही खराब थे, रही सही कसर रेत माफिया ने पूरी कर दी है। मशीनों से दिन-रात रेत खनन किया जा रहा है। जिस कारण यमुना में 'मौत' के कुंड बनते जा रहे हैं।
ईट तक उखाड़ ले गए लोग
बागपत के पक्का घाट पर कुछ साल पूर्व लाखों की लागत से सौंदर्यीकरण का काम कराया गया था। अब उसका सूरते हाल देखा जाए तो वहां लगी ईट और टाइल्स तक लोग उखाड़ कर ले गए हैं। यमुना मार्ग पर लगाए गए पेड़ और ट्री-गार्ड धराशायी कर दिए गए। अब वहां न हरियाली है और न ही पानी।
किसानों ने लगाई पलेज
हर साल की तरह इस साल भी किसानों ने आजीविका चलाने के लिए पलेज लगाई है। किसान मेहनत कर फसल लेने की तैयारी में हैं। स्थिति तो यह है कि किसानों ने पानी न होने के कारण यमुना नदी में ही हैंडपंप लगा दिया है, ताकि पेयजल के लिए तरसना न पड़े।
आस्था को पहुंच रही ठेस
आस्था का केंद्र रही यमुना नदी पर वर्षो से कोई धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं हुआ है। क्योंकि यमुना में पानी नहीं है। यदि पानी होता है तो वह हरियाणा की ओर थोड़ा बहुत होता है। जिले के लोग हरियाणा की ओर जाकर धार्मिक अनुष्ठान किसी तरह सम्पन्न करते हैं।
इनकी सुनिये..
समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है। जिन असामाजिक तत्वों ने ट्रीगार्ड और पौधे तोड़े हैं उनके खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। सफाई के लिए भी सिंचाई विभाग को निर्देश दिए जाएंगे। -अमृता सोनी, जिलाधिकारी बागपत।
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