नांगलसोती, बिजनौर : बेलगाम खनन माफिया ने यूपी उत्तराखंड दोनों सूबों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बालावाली में दिन-रात अवैध खनन जारी है। माफिया गंगा का सीना चीर कर जहां पर्यावरण व जलीय जीवों को हानि पहुंचा रहे हैं, वहीं वे ग्रेट यूनिट की हाइटेंशन विद्युत लाइन के खंभों को अपना निशाना बना रहे हैं।
केस एक- यूपी व उत्तराखंड को विद्युत सप्लाई के आदान-प्रदान को ग्रेट यूनिट की दो हाइटेंशन लाइन खींची गई हैं, जोकि बालावाली गंगा क्षेत्र से होकर यूपी में प्रवेश कर रही हैं। इन पर दोनों सूबों की सप्लाई निहित है। इन लाइनों के खंभे बालावाली गंगा से कुछ दूरी पर ही शुरू होते हैं। खनन माफिया भी इन खंभों के इर्द गिर्द ही सक्रिय हैं। माफिया ने पहले इन खंभों को निशाना बनाते हुए इनकी जड़ों को खाली कर चारों ओर कई किमी की दूरी तक स्थान खाली कर दिया है।
केस दो- बालावाली में गंगा के ऊपर लगभग तीन किलोमीटर रेल पुल बनाए गये हैं। जोकि यूपी-उत्तराखंड को जोड़ते हैं। इनमें एक ब्रिटिश समय का पुराना लोहे का पुल है तो दूसरा इसके समीप ही कुछ दशक पूर्व दूसरा पुल बनाया गया था। माफिया अवैध खनन करते हुए पुलों के समीप पहुंच गये हैं।
केस तीन-खनन माफिया सक्रिय होकर गंगा नदी से जिस छोर तक पहुंच गये हैं, उससे लगभग सौ मीटर की दूरी पर गंगा मंदिर व साधु संतों के आश्रम हैं। खनन के कारण गंगा में खाई खोदी जा रही है। इससे मंदिरों का अस्तित्व भी खतरे में आ रहा है।
बेहाल हैं दोनों सूबों के किसान-
बरसात के दिनों में गंगा नदी में बालावाली, रामसहायवाला, टीप, हिम्मतपुर बेला, डूंगरपुरी, गोपालपुर आदि के किसानों की भूमि पर भारी मात्रा में सफेद उपखनिज छोड़ दिया था। इससे किसानों की फसल तबाह हो गई थी। बालावाली के प्रधान रमेश चंद, रामसहायवाला व हिम्मतपुर बेला के प्रधान सहित डूंगरपुर के प्रधान मेघराज, गोपालपुर के प्रधान ब्रह्मपाल ने अवैध खनन रूकवाने के लिए डीएम व एसडीएम से शिकायत कर चुके हैं।
डीएम का कहना है-
जिलाधिकारी डा. सारिका मोहन का कहना है कि बालावाली क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन के बारे में उन्हें जानकारी है। वह इसकी निगरानी कराने के साथ-साथ एक रिपोर्ट तैयार करा रही हैं। इसके लिए दोनों राज्यों के प्रशासन को एक साथ एक्शन लेना होगा।
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