Thursday, April 26, 2012

गंगा रक्षा को सड़क पर उतरेंगे दंडी संन्यासी (Amar Ujala 27 April 2012)

वाराणसी। गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए चलाए जा रहे आंदोलन की उपेक्षा से नाराज दंडी संन्यासियों ने सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से लगातार की जा रही संतों और मां गंगा की उपेक्षा अब बर्दाश्त के बाहर हो गई है। यदि दस दिनों के भीतर गंगा मुहिम पर प्रधानमंत्री अपना वक्तव्य जारी नहीं करते तो सरकार को दंडी संन्यासियों के कोप का सामना करना पड़ेगा। गंगा सेवा अभियानम की ओर से पिछले 103 दिनों से अविच्छिन्न गंगा तपस्या जारी है। लेकिन, सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। गंगा के प्रति उसका उपेक्षात्मक रवैया नहीं बदल रहा। गुुुरुवार को अस्सी स्थित मुुमुक्षु भवन में दंडी संन्यासियों की एक बैठक हुई। इसमें अखिल भारतीय दंडी संन्यासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ (गंगोत्री वाले) ने कहा कि सरकार गंगा के मसले का उलझा देना चाहती है। गंगा भारत की शान है और हिंदू जनमानस की आस्था का प्रतीक भी। किसी भी कीमत पर उनकी उपेक्षा बर्दाश्त नहीं होगी। कहा कि अब गंगा के मुद्दे पर संत समाज चुप नहीं बैठने वाला। चेतावनी दी कि यदि 10 दिनों के भीतर गंगा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने अपना वक्तव्य नहीं दिया तो दंडी संन्यासी गंगा की रक्षा के लिए सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। बैठक में स्वामी रामरूपानंद तीर्थ, स्वामी राजनारायण आश्रम, स्वामी अखंडानंद तीर्थ, स्वामी भागवतानंद तीर्थ, स्वामी विवेकानंद तीर्थ, रघुनाथानंद तीर्थ समेत काफी संख्या में संत मौजूद थे।

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