वाराणसी : युवा व अनुभव के सामंजस्य के बीच सोमवार को काशी विश्वनाथ से आशीर्वाद लेने के बाद कार्यभार संभालने वाले आला अधिकारियों से लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
पिछले कई वर्षो से अतिक्रमण के जाल में फंसे शहर का विकास अवरुद्ध है। सड़कें दिनोंदिन सिकुड़ती जा रही है। नालियों पर कब्जा हो गया है। जिसका जहां मन करता है सड़क पर दुकान खोलकर बैठ जाता है। साफ-सफाई का आलम यह है कि निजी हाथों में व्यवस्था जाने के बाद और गंदगी फैल गई है। जिस रास्ते निकल जाइए कूड़े का अंबार मिलेगा। ट्रैफिक जाम के बारे में तो सर्वविदित है। यहां तक कि ट्रैफिक पुलिस में नई भर्ती वालों को यह कहकर बनारस भेजा जाता है कि यहां की व्यवस्था जिसने संभाल लिया वह दुनिया के किसी कोने में कितना भी जाम क्यों न हो, सब मिनटों में ठीक कर लेगा। सड़कों के बारे में तो बच्चा भी अपनी वेदना बता देगा कि स्कूल जाते-आते समय उसे अपने किताब-कापियों से भरे बैग के साथ टूटी-फूटी सड़कों पर किस तरह बच बचाके गुजरना पड़ता है। सीवर के नाम पर अनियोजित तरीके से पहले यहां-वहां सड़कें खोद दी गईं फिर उसे बनाने में गोलमाल। लंका के सुनील कहते हैं कि भगवान का शुक्र है कि इन क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते अब तक कोई ऐसी दुर्घटना नहीं हुई है जो आग में घी डालने का काम करे। जिस दिन ऐसा हो गया कानून - व्यवस्था संभालना भारी पड़ जाएगा। मूलभूत सुविधाओं का दंश झेल रहे नगरवासियों को नवागत अधिकारियों से उम्मीद जगी है कि वे इस दिशा में ठोस व प्रभावी कदम उठाएंगे, न कि पूर्ववर्ती अधिकारियों की तरह कागजों के शेर बनकर ही रह जाएंगे।
Wednesday, April 18, 2012
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