Wednesday, April 18, 2012

‘जहरीला’ हुआ पानी, मुश्किल में बच्चों की जिंदगानी (Amar Ujala 17 April 2012)

महानगर में गहराया पेयजल संकट, स्कूल भी आए चपेट में 700 में से 523 पेयजल के नमूने फेल, सो रहा प्रशासन स्कूलों में भी पीने लायक पानी नहीं, पेरेंट्स हो जाएं सचेत बीते छह माह से कार्रवाई का इंतजार कर रही रिपोर्ट
गाजियाबाद। आपका बच्चा अगर स्कूल जाता है तो इस खबर पर जरूर नजर डालें। महानगर के ज्यादातर स्कूलों के पेयजल नमूने मानके के अनुरूप नहीं हैं। ऐसे में स्कूलों में मुहैया कराया जा रहा पेयजल आपके नौनिहाल की हालत खराब कर सकता है। महानगर के स्कूलों में मुहैया कराए जा रहे अधोमानक पेयजल का शोर स्वास्थ्य निदेशक संचारी रोग लखनऊ तक पहुंच गया है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की नींद है कि टूटने का नाम नहीं ले रही। पिछले तीन माह में महानगर के करीब 700 पेयजल नमूनों में से 523 फेल निकले हैं। विद्यालयों के करीब 400 नमूनों में से 350 अधोमानक निकले हैं। नमूने अधोमानक होने के साथ संक्रमित भी पाए गए हैं।
कौन है आखिर जिम्मेदार
नेहरू नगर, पटेल नगर, शास्त्री नगर, लोहिया नगर, गांधी नगर, विजय नगर, डूंडा हेडा और इंदिरापुरम सहित महानगर के करीब हर क्षेत्र के पानी के नमूने अधोमानक निकले हैं। निदेशक संचारी रोग ने पत्रांक संख्या 1752 में इसका सेवन करने वालों की सेहत पर चिंता प्रकट करने के साथ ही भविष्य में अप्रिय स्थिति की चेतावनी देते हुए कार्रवाई को लिखा गया है। कार्रवाई की फाइल नगर निगम और सीएमओ के बीच झूल रही है। पिछले छह माह से यह तय नहीं हो पाया है कि आखिर कार्रवाई कौन करेगा।
पेयजल की जिम्मेदारी जल निगम की होती है। ऐसे में सीएमओ कार्यालय से कार्रवाई के लिए जीएम जलकल को लिखा गया है। जीएम जलकल बाबूलाल का कहना है कि जिन विद्यालयों के नमूने अधोमानक निकले हैं, वह अपना पानी प्रयोग में लाते हैं। ऐसे में जलनिगम कार्रवाई नहीं कर सकता।
मोदीनगर-हापुड़ के सभी 300 नमूने फेल
मोदीनगर और हापुड़ क्षेत्रों से लिए गए पेयजल के 300 नमूने भी अधोमानक मिले हैं। इनकी रिपोर्ट भी जीएम जलकल को प्राप्त हो गई है। अब कार्रवाई के लिए डीएम की ओर देखा जा रहा है। सेहत और जीवन से जुड़ी इस समस्या पर कार्रवाई डीएम स्तर से ही होगी।

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