Tuesday, June 12, 2012

यमुना जल स्वच्छता के लिए याद आते लाल बाबा (Dainik Jagran Hamirpur 24 April 2012)

हमीरपुर, कार्यालय संवाददाता : स्वामी मोहनानंद उर्फ लाल बाबा यमुना नदी को बचाने के लिए बीते साल हमीरपुर आये थे। उन्होंने अपनी यात्रा इलाहाबाद से शुरू की थी और उसका समापन हरियाणा में किया था। इसके बाद 12 अप्रैल 11 को राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा था। स्वामी मोहनानंद 41 साल से वृंदावन में 8 खंभा आश्रम में आवास बनाकर रह रहे हैं। वहां बिहार घाट में सीवरेज पंप स्टेशन से रात में पूरे शहर की गंदगी यमुना नदी में डाल दी जाती थी। जबकि नियमानुसार उसकी सफाई करके केवल पानी को यमुना नदी में डालना था। इस पर पर्यावरण दिवस 5 जून को उन्होंने सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था और प्रशासन के सहयोग से यमुना नदी में जाने वाले गंदे पानी को रोका गया था। उनके आंदोलन से प्रभावित होकर बृज के लोगों ने कहा था कि यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए पूरे क्षेत्र में यमुना नदी को बचाना होगा और इसी से प्रभावित होकर उन्होंने यमुना बचाओ आंदोलन की शुरूआत की। विगत वर्ष फरवरी माह में वृंदावन से पदयात्रा शुरू की थी। वे इलाहाबाद से हमीरपुर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि यमुना को बचाने के लिये वे हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था। स्वामी जी ने दर्शन शास्त्र से पीएचडी की है। स्वामी विवेकानंद उनके आदर्श हैं। इस दौरान उन्होंने हमीरपुर मुख्यालय के कई विद्यालयों में जाकर बच्चों को संकल्प दिलाया कि रोजाना हम लोग कुछ समय निकालकर राष्ट्र को समर्पित करेंगे। पर्यावरण व नदियों के प्रदूषण के प्रति जागरूक होना होगा। नदियों का पानी बदरंग हो रहा है। उनके अलावा स्थानीय स्तर पर यमुना नदी को बचाने का किसी ने कोई प्रयास नहीं किया है। प्रमुख मांगे हमीरपुर : लाल बाबा ने तीन प्रमुख मांगे रखीं। यमुना सुरक्षा के लिए टास्क फोर्स बनाया जाये, यमुना नदी में गिर रहे सभी नालों को बंद किया जाये और यमुना नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित की जाये।

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