Friday, September 2, 2011
अन्न उत्पादक राज्यों में उर्वरक का संकट (Dainik Jagran/Delhi :- 03 Sep. 2011)
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क:
देश के कई इलाके इस समय उर्वरक की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। ट्रांसपोर्टरों द्वारा उठान में कमी किए जाने से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में किसानों के बीच यूरिया को लेकर जबरदस्त मारामारी है। कई सहकारी समितियों द्वारा ही उर्वरक की कालाबाजारी की जा रही है। पंजाब में भी उर्वरक काफी कम मात्रा में उपलब्ध है। प्रमुख अन्न उत्पादक हरियाणा में भी हालात अच्छे नहीं हैं। वहां भी कई जिलों में किसानों को खाद संकट का सामना करना पड़ रहा है।
खरीफ की फसलों के लिए यूरिया की कमी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र से गत अगस्त माह तक 25 लाख मीट्रिक टन यूरिया की मांग की थी, लेकिन उसे 22.5 लाख मीट्रिक टन ही उपलब्ध हो सकी। इस कमी के कारण तमाम वितरण केंद्रों पर किसानों को निर्धारित मूल्य 297 रुपये प्रति बोरी से 50 रुपये अधिक चुकाने पड़ रहे हैं। न्यायालय के आदेश के पर परिवहन विभाग ने प्रति ट्रक की लदान क्षमता दस मीट्रिक टन से घटाकर नौ मीट्रिक टन कर दी है। इससे ट्रांसपोर्टर सरकार द्वारा निर्धारित पुरानी दरों पर उर्वरक उठाने में आनाकानी कर रहे हैं। यह भी समस्या का एक कारण है। जबकि सरकार का दावा है कि किसी भी जिले भी उर्वरक की कोई दिक्कत नहीं है। लखनऊ, अंबेडकरनगर, बलरामपुर, गोंडा, सुल्तानपुर, सीतापुर, फैजाबाद, बहराइच आदि में खाद की कमी को लेकर किसान परेशान हैं। जबकि बहराइच, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर में नेपाल सीमा पर खाद की तस्करी के कारण संकट बना हुआ है।
इलाहाबाद में कई सहकारी समितियां ही कालाबाजारी कर रही हैं। पंजाब में खाद की उपलब्धता कुछ जिलों में ही ठीक है। अमृतसर में स्टॉक में कुछ कमी है, हालांकि अधिकारी इसे मानने से इंकार कर रहे हैं। अमृतसर के कृषि अधिकारी परमजीत सिंह संधू के अनुसार, किसानों द्वारा स्टॉक करने के कारण खाद की आपूर्ति में कमी आई है। लुधियाना के कृषि अधिकारी राजिंदर सिंह पंधेर का कहना है कि जिले में खाद का पूरा स्टॉक है
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