Friday, September 2, 2011

डीडीए अधिकारियों के खिलाफ लामबंद हुए किसान (Dainik Jagran/Delhi :- 03 Sep. 2011)



पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता :

यमुना खादर क्षेत्र में किसानों की फसल उजाड़ने के मामले को लेकर दिल्ली पैजेंट्स को-आपरेटिव मल्टीपरपज सोसाइटी की ओर से एनएच-24 पर खेलगांव के सामने किसानों की बैठक का आयोजन किया गया। अध्यक्षता सोसाइटी के प्रधान चौधरी विभूति सिंह और महासचिव मास्टर बलजीत सिंह ने की। बैठक में मैग्सेसे अवार्ड विजेता राजेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। बैठक में यमुना खादर क्षेत्र में खेती करने वाले 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया। बैठक के माध्यम से किसानों ने डीडीए अधिकारियों के प्रति अपना रोष जाहिर किया और बैठक के माध्यम से डीडीए के खिलाफ अदालत में केस दायर करने का निर्णय लिया गया।

किसान सभा के दौरान चौधरी विभूति सिंह ने कहा कि सरकार से किसानों ने यमुना खादर क्षेत्र की जमीन 99 साल के लिये खेती करने को लीज पर ली थी। मगर, डीडीए अब बिना किसी सूचना के उन पर जमीन छोड़ने का दबाव बना रहा है। आये-दिन डीडीए अधिकारी बिना किसी नोटिस एवं पूर्व सूचना के अपने दस्ते के साथ आते हैं और उनकी खड़ी फसल को नष्ट कर चले जाते हैं। एक तरफ डीडीए अधिकारी किसानों की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं, वहीं हर साल यमुना नदी में आने वाली बाढ़ से भी किसानों का बुरा हाल है। उन्होंने बताया कि डीडीए अधिकारी कहते हैं कि उनका सरकार से लीज एग्रीमेंट वर्ष 1966 में ही रद्द कर दिया गया था, जबकि किसानों के पास वर्ष 1977 तक के लीज पेमेंट जमा कराने के सबूत हैं। डीडीए उनसे जमीन खाली कराकर उनके पेट पर लात मारते हुए यहां बायो डाइवर्सिटी पार्क बनाना चाहती है। लेकिन किसान ऐसा नहीं होने देंगे। वे आखिरी सांस तक अपनी जमीनों को बचाने के लिये संघर्ष करेंगे। इसके लिये वे जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

इस मौके पर मनोज मिश्रा, सुधा मोहन, झील खुरंजा मिल्क प्रोडयूसर सोसायटी के मैनेजर बिछत्तर सिंह और जय प्रकाश चौहान सहित दर्जनों किसान नेता मौजूद रहे

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