Saturday, September 10, 2011

यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्र में सजेगी फूलों की घाटी (Dainik Jagran 09 September 2011)

नोएडा शहर के सबसे उपेक्षित और गंदे रहने वाले हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र लोगों के आकर्षण का केंद्र होंगे। प्राधिकरण इन डूब क्षेत्रों में फूलों की घाटी तैयार करेगा। इससे इन क्षेत्रों की सुंदरता बढ़ने के साथ ही यहां अतिक्रमण की आशंका भी समाप्त हो जाएगी। प्राधिकरण ने उद्यान विभाग की इस योजना को प्राथमिक मंजूरी दे दी है। डूब क्षेत्र में फूलों की खेती कराने के लिए प्राधिकरण विशेष नीति तैयार करेगा, जिसके तहत क्षेत्र के किसानों को यह ठेका दिया जाएगा। हिंडन और यमुना के डूब क्षेत्र का पाट (चौड़ाई) 50 मीटर से लेकर 200 मीटर तक है। इसकी लंबाई कई किलोमीटर है। डूब क्षेत्र होने की वजह से यहां पक्का निर्माण नहीं किया जा सकता। इस हिस्से को हरित क्षेत्र घोषित कर छोड़ दिया गया है। बावजूद इसके यहां अतिक्रमण की शिकायतें मिलती रहती हैं। प्राधिकरण का मानना है कि अगर जगह खाली रही तो उस पर कब्जा होगा ही। प्राधिकरण काफी समय से डूब क्षेत्र में कुछ विशेष तरह की गतिविधियां करने की योजना तैयार कर रहा था। प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2031 में भी हिंडन और यमुना किनारे अस्थाई तौर पर कुछ जनसुविधाएं विकसित करने का प्रस्ताव बना रखा है। इसके तहत डूब क्षेत्र में मनोरंजन पार्क, सैर-सपाटे के स्थान और कुछ आकर्षक पार्क सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जा सकती हैं। इसी के तहत प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने सेक्टर 140, 143 और 144 में हिंडन किनारे बांध के भीतर की जमीन पर फूलों और विशेष प्रजाति के आकर्षक पौधे लगाने की योजना तैयार की है। उद्यान विभाग की योजना पर विचार करने के लिए प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) अनिल राजकुमार ने बृहस्पतिवार को डूब क्षेत्र के इस हिस्से का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने फूलों की खेती पर प्राथमिक मंजूरी दे दी है। बनाई जाएगी विशेष नीति : एसीईओ अनिल राजकुमार ने कहा कि इस जमीन को अतिक्रमण से बचाने के लिए उद्यान विभाग का प्रस्ताव अच्छा है। इससे क्षेत्र के किसानों को अपना व्यवसाय करने का जरिया और खेतिहर मजदूरों को भी रोजगार मिलेगा। फूलों के शौकीन यहां घूमने-फिरने और पौधों की खरीदारी के लिए भी आ सकेंगे। चेयरमैन से इस संदर्भ में निर्देश प्राप्त कर डूब क्षेत्र में फूलों की खेती के लिए नीति बनाई जाएगी। फूल मंडी को भी मिलेगा बढ़ावा : फूलों की घाटी से किसानों को रोजगार तो मिलेगा ही, नोएडा के फेज दो स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी फूल मंडी के लिए भी यह संजीवनी बूटी साबित होगी। ज्ञात हो कि फेज दो में कुछ साल पहले करोड़ों रुपये खर्च कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी फूल मंडी तैयार की गई थी। फूल मंडी में दुकानों की नीलामी भी करीब एक साल पहले हुई थी। बावजूद आज तक यहां व्यापार शुरू नहीं हो सका।

No comments:

Post a Comment