Monday, August 22, 2011
जल स्तर बढ़ने से हजारों लोग बेघर (Dainik Jagran 23 Aug. 2011)
पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता :
यमुना का जल स्तर बढ़ने से यमुनापार के करीब आधा दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुनापार के बाढ़ प्रभावित गांव के लोग सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं। छह दिन बाद भी सरकार ने प्रभावितों के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। रात में पानी आने से गांव के लोग अपना सामान भी नहीं निकाल पाए। सड़क पर तो उन्होंने शरण ले रखी है, लेकिन खाना-पानी की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।
उस्मानपुर, गढ़ी मेंडू व बदरपुरपुर सहित करीब आधा दर्जन गांव हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ने के बाद यमुना में आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यमुना खादर में बसे सभी गांव चपेट में हैं। लगभग 20 हजार लोग परेशान हैं। उस्मानपुर निवासी चौधरी हिम्मत सिंह ने बताया कि गांव में बाढ़ आने के बाद सारा सामान घर में ही रह गया। उन्हें खाने की भी परेशानी हो रही है। सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं की गई है। छह दिन बाद भी खाने के लिए किसी की ओर से कुछ नहीं मिला है। विनोद नागर का दर्द है कि बच्चों का हाल बहुत बुरा है। कई बच्चे तो खाना न मिलने से बीमार पड़ चुके हैं। संजय गुर्जर ने बताया कि सरकार ने प्रभावित लोगों के लिए टेंट की व्यवस्था तो कर दी, लेकिन अभी भी करीब 500 लोगों को खुले आसमान के नीचे ही रहना पड़ रहा है। वहीं आपदा प्रबंधन केंद्र जनसंपर्क अधिकारी सुरभि सक्सेना ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों की सभी तरह की समस्याओं को जल्दी ही दूर किया जाएगा।
सुविधाओं को तरसते गांव गांवड़ी के लोग :
पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता :
उत्तर पूर्वी क्षेत्र स्थित गांव गांवड़ी कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। कॉलोनी के लोग पीने के पानी, जर्जर सड़क, गंदगी की समस्या से बेहाल हैं। स्थानीय निवासी समस्या के संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अधिकारी हैं कि उनके कानों पर जूं ही नहीं रेंगती। ग्रामीण संदीप गर्ग ने बताया कि कॉलोनी की मुख्य सड़क करीब एक साल से जर्जर है। बरसात के बाद यहां का हाल और बुरा होता है। कॉलोनी निवासी विशन लाल ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने पीने के पानी की लाइन तो बिछाई, लेकिन महीने में दो चार दिन ही कॉलोनी में पानी की आपूर्ति की जाती है।
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