करोड़ों वर्षों का मिथक टूटा गया कि यमुना की धार को कोई रोक नहीं सकता। किसी भी नदी के पारिस्थतिकीय सन्तुलन को बनाये रखने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह बनाये रखने की नितान्त आवश्यकता होती है। 14 मई 1999 के एक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि यमुना को पारिस्थितिक प्रवाह की जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रति सेकंड 353 cusecs का एक न्यूनतम प्रवाह नदी में होना ही चाहिए। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली राज्यों को इस प्रवाह को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार माना जाएगा।
पर वास्तविकता यह है कि सरकारें पूरी तरह से यमुना के पर्यावरणीय प्रवाह की अनदेखी कर रही हैं। बागपत और सोनीपत के पूरे यमुना खादर में पूरी गर्मियों में एक इंच का भी प्रवाह नहीं रहा। यमुना युवा क्लब के प्रधान ओमदत्त मस्ताना ने कहा कि कुछ भू माफियों के इशारे पर यमुना नदी का रुख बदला गया है। यदि यमुना में पानी नहीं छोड़ा गया तो पेयजल समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
किसानों को संकट
हरियाणा प्रदेश भर की जमीन की प्यास बुझाने वाली यमुना नदी का अब पेट खाली हो गया है। ऐसे में यमुना की गोद में फसल बिजाई करने वालों को ही पानी खरीदकर सिंचाई करने को मजबूर हैं। पड़ोसी गांव के किसान साठ रुपए प्रति घंटा के हिसाब से पानी बेच रहे हैं। यमुना नदी की धार क्या टूटी, खादर क्षेत्र में पानी का टोटा शुरू हो गया है। खादर क्षेत्र के किसान सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर थे। क्षेत्र का भू-जल स्तर मात्र चालीस से पचास फीट तक था। यमुना सूखने से किसानों के ट्यूबवेल ठप हो गए हैं।
बडौली गांव के किसान बेली नंबरदार, मा. बिजेंद्र आंतिल, माईराम कौशिक, मांगेराम, हवा सिंह, महाबीर सिंह, सतीश ने बताया कि किसानों ने धान की फसल की रोपाई कर दी, लेकिन ट्यूबवेल ठप होने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गई। जिन लोगों ने डीजल इंजन लगा रखे हैं, वे साठ रुपए प्रति घंटा के हिसाब से पानी बेच रहे हैं। किसानों को दस से बारह घंटे तक खेत में पानी चलाना पड़ रहा है। इसके साथ ही किसानों को करीब बीस एकड़ की दूरी तक पाइप लाइन दबाकर पानी लान पड़ रहा है।
क्षेत्र में बनी यमुना बचाओ कमेटी
क्षेत्र के किसानों ने यमुना बचाओ कमेटी का गठन किया है। बडौली गांव निवासी नारायण शर्मा ने बताया कि कमेटी में पलड़ा के कृष्ण आंतिल, ओमवीर नांदनौर, महेंद्र नंबरदार बख्तावरपुर, दिलबाग आंतिल, संजय शर्मा जैनपुर, राज शर्मा बडौली, प्रेमराज मनौली, रणजीत जैनपुर, कृष्ण मलिकपुर, दयांनद आदि को शामिल किया गया है। शर्मा ने बताया कि शीघ्र ही कार्यकारिणी का गठन कर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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