Monday, November 28, 2011

यमुना की दुर्दशा पर सरकार को अवमानना नोटिस (Amar Ujala 28 November 2011)

नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को अवमानना नोटिस जारी कर पूछा है कि यमुना की साफ-सफाई को लेकर पांच वर्ष पहले दिए गए आदेश का अभी तक क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया। अभी भी यमुना में शहर का कूड़ा फेंका जा रहा है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है कि आखिर इस मुद्दे पर कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए। मामला हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अदालत का है।
अदालत ने दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्रालय, एमसीडी और डीडीए के खिलाफ अवमानना की याचिका पर नोटिस जारी किया है। संबंधित विभागों को सात फरवरी तक जवाब देना है। पर्यावरणविद विनोद जैन की अवमानना याचिका पर कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया है। जैन ने अदालत का ध्यान इस संबंध में वर्ष २००६ में आकर्षित कराया था। कहा गया था कि यमुना में किसी तरह का कूड़ा या प्लास्टिक नहीं फेंका जाए। रोकथाम संशोधन कानून प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश भी जारी किए गए थे। पांच वर्ष पूर्व अदालत ने सरकार और स्थानीय निकाय को कानून के प्रावधानों को लागू करने और मूर्तियों के विसर्जन के लिए घेरा बनाने की बात की थी, लेकिन इस फैसले पर दिल्ली सरकार और स्थानीय निकाय ने ध्यान नहीं दिया। पर्यावरणविद् ने याचिका में कहा है कि २००६ में अदालत ने यमुना की सफाई को लेकर सरकार को निर्देश जारी कर कोर्ट ने कानून के तहत कचरा, पूजा सामग्री नदी के तल, नालों और पानी में बहाए जाने पर रोक लगाए और उचित कदम उठाये जाएं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी कहा है कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने मूर्तियों के विसर्जन के लिए एक विशेष प्रांगण बनाए जाने का सुझाव दिया था।

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